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मानव जीवन की तीन आधारभूत आवश्यकता मानी गयी है - रोटी , कपड़ा और मकान। पर अर्वाचीन दौर में प्रत्येक विचारशील व्यक्ति चौथी आवश्यकता के रूप में शिक्षा को अनिवार्य मानने लगा है। शिक्षा का समन्वित अर्थ व्यक्तित्व का समग्र विकास है। शिक्षा से ही परिवार , समाज व राष्ट्र का विकास होता है अर्थात् मानव विकास की प्रक्रिया में शिक्षा की अहम भूमिका होती है।


भारत वर्ष में स्वतंत्रता प्राप्ति पश्चात् विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन शिक्षा में निरंतर विस्तार हो रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के धर्म नगरी डोंगरगढ़ से 14 कि.मी. दूर दक्षिण में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 06 के समीप स्थित लाल बहादुर नगर में 14 सितम्बर 1989 को महाविद्यालय कि स्थापना की गई। यहाँ मात्र बी. ए. की कक्षाएँ संचालित है जन भागीदारी मद से बी. काँम. एवं स्नातकोत्तर में हिन्दी साहित्य एवं राजनीति विज्ञान की कक्षाएँ संचालित हो रही है। 14/05/2008 को बजरंगपुर नवांगाँव, राजनांदगाँव के ख्याति नाम कवि एवं साहित्यकार पं. कुंज बिहारी चौबे के नाम पर इस महाविद्यालय को शासकीय कुंज बिहारी चौबे महाविद्यालय, लाल बहादुर नगर नाम दिया गया।


वर्ष 1989 से 2014-15 तक अर्थात् 25 वर्षो में महाविद्यालय जिन ऊंचाईयों पर उड़ने का प्रयास किया या जो कुछ किया और पाया उसकी यादें सचिंत करने के साथ, प्राध्यापकों एवं छात्रों के विचारों को रजत जयंती उड़ान स्मारिका में समाहित की गई है । उड़ान पत्रिका के माध्यम से मैं सभी जन प्रतिनिधियों, विद् वदजनों , प्रशासनिक अधिकारियों, गणमान्य नागरिकों का जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस महाविद्यालय के विकास के में सहभागी बनकर योगदान कर रहें हैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूँ । शिक्षा के सर्वतोन्मुखी विकास में आज शासन और निजी संस्थाओं की भागीदारी में निरंतर वृद्धि हो रही है । मानव के सम्मुख अपनी प्रगति के लिए शिक्षा का अवलंबन लेने के अतिरिक्त और कोई मार्ग नहीं है । अत: शिक्षा का विस्तार ही नहीं उसका स्तर भी ऊँचा उठना चाहिए जिस प्रकार कुम्भ्कार सुन्दर पात्रों को गढ़कर फूला नहीं समाता, उसके अन्दर आत्मसंतोष झलकने लगता है उसी प्रकार एक शिक्षक अपने आपको तभी ऊँचाई पर महसूस करता है, जब शिष्य अधिक ऊंचाई पर उड़ने का प्रयास करता है । वर्तमान दौर ज्ञान, विज्ञान के विस्तार के साथ चुनौतिपूर्ण है । इस चुनौती का सामना करने और राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में विद्यार्थियों को यह महाविद्यालय सुमार्ग, सद्ज्ञान एवं शक्ति प्रदान करेगा । " ज्ञान, मेव, शक्ति " इस महाविद्यालय का आदर्श वाक्य है वह कभी कमजोर न होने पाये । यही हमारा प्रयास भी है और कामना भी है ।.


डॉ. आर. के. ठाकुर
प्राचार्य
शास. कुंज बिहारी चौबे महाविद्यालय,
लाल बहादुर नगर, जिला राजनांदगाँव